
dhanu rashi
राशि स्वामी – गुरु
वर्ग – क्षत्रिय
दिशा – ईशान
जाती – पुरुष
तत्त्व – अग्नि
शरीर में यह राशि जांघो पर अपना प्रभाव दिखती है। कुंडली में लग्न की राशि धनु हो या चंद्र राशि धनु हो यानि चन्द्रमा जिस भाव में है वहा की राशि धनु हो तो उन लोगों का रंग, रूप और स्वाभाव अधिकतर कुछ इस तरह पाया जाता है।
देखने में धनु राशि के लोग सामान्यतः लम्बे, चेहरा व गर्दन लम्बी, माथा लम्बा, बड़ी नाक बड़े कान, गोर, सुन्दर, घनी भौहे, भूरे बाल, मोटी जांघो, सुन्दर आँखों वाले होते है।
यह द्विस्वभाव राशि है जिसके कारणवश ये जीवन के निर्णय लेने में देर लगाते है क्योंकि यह किसी भी विषय के गुण और अवगुण नापने-तोलने में बहुत समय लेते है।
अग्नि तत्त्व राशि होने के कारण ये लोग साहसी, अपने विचार खुल कर व्यक्त करने वाले, मेहनती, जोशीले, फुर्तीले और भरपूर आत्मविश्वास वाले होते है। धनु राशि का स्वामी गुरु होने की वजह से ये लोग सत्यवादी, भगवन में आस्था रखने वाले, अपने सिधान्तो पर अटल रहने वाले होते है।
ये पढाई में बहुत आगे (higher education) जाने वाले होते है, इन्हे घूमना फिरना भी पसंद होता है।
इनकी कुंडली में लग्न पर अगर कोई कुप्रभाव हो यानि राहु-केतु, शनि, मंगल की कोई अशुभ दृष्टि हो तो इनके स्वाभाव में कपट आ जाता है। अपनी तारीफ खुद ही बढ़ा चढ़ा के करना, अपने आपको श्रेष्ठ बताना, अपने आगे और किसी को भी नहीं देखते और वादें तो बड़े बड़े कर देते है पर उन्हें पूरा करने की मंशा तो कभी नहीं होती।
इस लग्न के लोग सरकारी नौकरियों में ज़्यादा मिलते है जैसे न्यायधीश, वकील, अध्यापक, राजनीतिज्ञ, मंत्री, बैंक में नौकरी वाले और ज्योतिषी, लेखक या किसी धार्मिक संसथान से भी जुड़े होते है।
रूप और स्वाभाव के लिए केवल जन्म लग्न या चंद्र राशि से ही नहीं देखा जाता और गृह जो भी अशुभ या शुभ दृष्टिया या युति डालते है उनसे भी व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ता है यानि उनकी स्तिथि भी देखना बहुत ज़रूरी है।