Rashiyo ka swabhav-Hindi

मकर राशि का रूप और स्वाभाव

makar rashi ka swaroop or swabhav

राशि स्वामी – शनि 

वर्ग – शूद्र 

दिशा – दक्षिण  

जाती – स्त्री 

तत्त्व – पृथ्वी

शरीर में यह राशि जांघों पर प्रभाव दिखती है। कुंडली में लग्न की राशि मकर हो या चंद्र राशि मकर हो यानि चन्द्रमा जिस भाव में है वहा की राशि मकर हो तो उन लोगों का रंग, रूप और स्वाभाव अधिकतर कुछ इस तरह पाया जाता है।

मकर राशि के लोगों का शरीर देखने में पतला-दुबला होता है वे ह्रष्ट-पुष्ट नहीं दिखते बल्कि कमज़ोर दिखते है। ये लोग बहुत जल्दी लम्बाई बढ़ा लेते है और मध्यम उम्र में जाकर इनका ये पतला-दुबलापन कुछ कम हो जाता है। बाल वैसे तो घने और मोटे होते है पर रूखापन होता है। 

पृथ्वी तत्त्व के कारणवश ये लोग उचित बात करने वाले यानि इधर-उधर की बातों में चाव नहीं लेते, सहनशील, परिश्रमी, किफायती, विवेकशील और सम्भवता में जीने वाले होते है। इनका दिमाग व्यापारिक होता है क्योंकि ये गणित में अच्छे होते है। 

यह एक चर राशि है जिसके कारणवश ये कुछ देर तक किसी विषय के बारे में विचार करके जल्दी निर्णय पर पहुंच जाते है। घूमना पसंद करते है। मकर राशि के लोग आशावादी कम होते है। 

इस राशि का स्वामी शनि होता है और शनि का एक गुण होता है के वह न्यायधीश होता है अच्छे के साथ अच्छा और बुरे के साथ बुरा करता है, इसी कारण इस राशि के जातक सच्चे, ईमानदार, विश्वसनीय और हमेशा मेहनत करने वाले होते है, कभी खाली बैठना पसंद नहीं करते, पर अगर इनके लग्न पर अशुभ दृष्टि या प्रभाव है तो इन लोगों के स्वाभाव में झूठापन, धोखा, मतलबी, आलसी, निराशावादी, लालच और कंजूसी आ जाती है। ख़राब स्तिथि में ये लोग अपराधी भी बन जाते है। 

इस राशि के जातक पुराने विचारो वाले होते है, समय के साथ परिवर्तन करना इनके स्वाभाव में कम होता है। ये अपने काम के लिए इतने एकाग्र होते है के जो सोच लेते है या जो काम हाथ में लेते है वो कितनी भी परेशानियां या रुकावटें आये पर उन्हें सुलझा कर आगे बढ़ते रहते है अपने लक्ष की तरफ और परिणाम तक पहुंच जाते है। 

ये लोग ज्यादातर देर से शादी करते है, अच्छे जीवनसाथी और अच्छे अभिभावक बनते है, और अपने बच्चो से प्यार करते है पर दिखाते कम है। 

इस राशि के लोग नगर निगम में, अपना कारोबार, इंजिनीर्स, स्कॉलर्स और अन्य सरकारी नौकरियों में भी होते है।

रूप और स्वाभाव के लिए केवल जन्म लग्न या चंद्र राशि से ही नहीं देखा जाता और गृह जो भी अशुभ या शुभ दृष्टिया या युति डालते है उनसे भी व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ता है यानि उनकी स्तिथि भी देखना बहुत ज़रूरी है।

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