
Rashiyo ka swabhav-Hindi
राशि स्वामी – सूर्य
वर्ग- क्षत्रिय
दिशा- पूर्व
जाती- पुरुष
तत्त्व- अग्नि
सिंह राशि शरीर में पेट पर प्रभाव डालती है। कुछ विद्वानों का मानना है के सिंह राशि ह्रदय पर असर डालती है और कर्क राशि पेट पर।
कुंडली में लग्न की राशि सिंह हो या चंद्र राशि सिंह हो यानि चन्द्रमा जिस भाव में है वहा की राशि सिंह हो तो उन लोगों का रंग रूप और स्वाभाव अधिकतर कुछ इस तरह पाया जाता है। इन लोगों का शरीर और हड्डियां मजबूत, मस्तिष्क (माथा) चौड़ा, चौड़े कंधे, बड़ा सिर, कमर पतली, शरीर गठा हुआ, शानदार और रौबीला होता है।
जैसे की इस राशि का स्वामी सूर्य है, अग्नि तत्त्व, पुरुष जाती, क्षत्रिय वर्ग है इन्ही से इन लोगों के स्वाभाव में उग्र्रता, साहस , विशाल ह्रदय, महत्वाकांशी, ऊंची सोच, रौब दिखाना, क्रोध दिखाना (पर गुस्सा जल्दी शांत हो जाता है) और स्वतंत्र चिंतन करना होता है।
इस लग्न की कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी शनि होने के कारण अगर शुक्र और सप्तम भाव पर अशुभ दृष्टि हो तो इन लोगों के दाम्पत्य जीवन में सुख कम होता है। हालाँकि कर्क राशि की तुलना में सिंह राशि के लोगों के दाम्पत्य जीवन में अधिक सुख देखा गया है। स्थिर राशि होने के कारण ये लोग ज़िद्दी और अटल सवभाव के होते है। इन लोगों को सम्मान और इज़्ज़त मिलती है। इन्हे पैसे की तंगी रहती है और अच्छा कमा भी लेते है तो इनके जीवन में कुछ पल ऐसे आते है जो इन्हे आर्थिक तौर से हिला देते है। पर इनकी मेहनत और परिस्थितियों से लड़ने की अच्छी क्षमता ही इनका हथियार होता है।
सिंह लग्न के लोग अधिकतर सरकारी नौकरी वाले, अच्छे पद के नेता, रतनो के डीलर, साहित्य प्रेमी होते है। अगर निजी संसथान में कार्य करते है तो वहा ऊंचे पदों पर काम करते है।
रूप और स्वाभाव के लिए केवल जन्म लग्न या चंद्र राशि से ही नहीं देखा जाता और गृह जो भी अशुभ या शुभ दृष्टिया या युति डालते है उनसे भी व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ता है यानि उनकी स्तिथि भी देखना बहुत ज़रूरी है।