
vrishabh rashi
राशि स्वामी – शुक्र
वर्ग – शूद्र
दिशा – दक्षिण
जाती – स्त्री
तत्त्व – पृथ्वी
रंग – श्वेत ( सफ़ेद )
शरीर में यह राशि चेहरे, गर्दन और गले पर अपना प्रभाव देती ही।
यह स्थिर राशि है यानि कोई भी कार्य स्थिरता से किया जाता है। कुंडली में लग्न की राशि वृषभ हो या चंद्र राशि वृषभ हो यानि चन्द्रमा जिस भाव में है वहा की राशि वृषभ हो तो उन लोगों का रंग रूप और स्वाभाव अधिकतर कुछ इस तरह पाया जाता है।
पृथ्वी तत्त्व होने से उनके स्वाभाव में ठहराव आता है। ऐसे लोग प्रकाशवान, ढीले शरीर और वात प्रकर्ति वाले, माध्यमसंतति होते है। इनका स्वाभाव स्वार्थी, सूझ-बूझकर काम करने वाले और सांसारिक कार्यों में उत्तम होते है। यह लोग शांतीप्रिय और धीरज रखने वाले होते है पर इन्हे उकसाया जाये तो शातिर और गुस्से वाले दिखाते है जैसे की इस राशि का चिन्ह है उस तरह। ये अच्छे प्रेमी होते है, दिखने में भी चाहे रंग किसी का हल्का दबा हुआ हो पर ये मन मोह लेते है, आकर्षित होते है। अच्छे पति या पत्नी होते है पर अगर कोई अशुभ दृष्टि या युति हो तो ये लोग अपने जीवन साथी के अलावा किसी और के साथ भी सम्बन्ध बना सकते है। अच्छी युति या दृष्टि से इन्हे अच्छा धन लाभ होता है। वैसे भी इस राशि के लोग धन इक्कठा करने के इच्छुक होते है और सावधानी से खर्च करते है।
ऐसे व्यक्ति कला, संगीत, सिनेमा, ड्रामा आदि के शौक़ीन होते है। ऐसे लोग ज्यादातर अभिनेता, गायक, संगीतकार, फिल्म निर्देशक, थिएटर चलाने वाले बनते है। ये लोग किसानी या खेती के कार्य से जुड़े भी हो सकते है क्योंकि यह राशि भूमि/पृथ्वी तत्त्व है। इस राशि का स्वामी शुक्र होने की वजह से ये लोग रतन-आभूषण, साज-सज्जा के सामान (cosmetics), इत्र (perfumes) आदि के शौक़ीन होते है।
जीविका में अच्छा स्वस्थ रहता है पर अगर बीमारी हो जाये तो थोड़ा समय लगा कर ठीक होते है।
रूप और स्वाभाव के लिए केवल जन्म लग्न या चंद्र राशि से ही नहीं देखा जाता और गृह जो भी अशुभ या शुभ दृष्टिया या युति डालते है उनसे भी व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ता है यानि उनकी स्तिथि भी देखना बहुत ज़रूरी है।