राशि स्वामी – शनि
वर्ग – वैश्य
दिशा – पश्चिम
जाती – पुरुष
तत्त्व – वायु
शरीर में यह राशि पिंडलियों पर अपना प्रभाव दिखती है। कुंडली में लग्न की राशि कुम्भ हो या चंद्र राशि कुम्भ हो यानि चन्द्रमा जिस भाव में है वहा की राशि कुम्भ हो तो उन लोगों का रंग, रूप और स्वाभाव अधिकतर कुछ इस तरह पाया जाता है।
कुम्भ राशि के लोग सामान्यतः लम्बे, गोरे, बलवान, तीखी नाक, भूरे बाल और आकर्षित व्यक्तित्व वाले होते है। वायु तत्त्व होने से ये बुद्धिमान होते है इसलिए इन पर चापलूसी और हवाई बातें असर नहीं करती। यह स्थिर स्वाभाव की राशि है जिसके कारण ये लोग परिश्रमी, अपने सिद्धांतो पर टिकने वाले, अपनी पसंद, ना-पसंद पर अडिग रहने वाले और किसी भी विषय की तह तक जाकर उसके गुण और अवगुण तोल कर समझने में समय लेते है। एक बार विषय समझ ले उसके बाद कार्य बड़ी ही कुशलता और आत्मविश्वास से कर लेते है। ज़्यादा लोगों से मेल-जोल बढ़ाना इनके स्वाभाव में नहीं होता। इनमें स्वार्थ की कमी होती है और मानवता भरपूर होती है ।
ये लोग एकांत में रहना और ध्यान में रहना पसंद करते है। हमारे समय के कुछ महान लोग जिन्होंने मानवता के लिए बड़े कदम उठाये है और कई साधु संत भी इसी लग्न में हुए है।
इस लग्न के लोग ज्यादातर हर कार्य में सफलता पा लेते है, ये सरकार में अच्छे पदों पर होते है, इन्जीनीर और रिसर्च स्कॉलर भी होते है। ये लोग अध्यात्म से भी जुड़ें होते है चाहे किसी आध्यात्मिक या समाज कल्याणकारी संसथान से जुड़ जाये तो भी सफल रहते है।
इन लोगों का वैवाहिक जीवन भी अच्छा गुज़रता है पर इन्हे अपना जीवन साथी अपने जितना बुद्धिमान चाहिए होता है और अपना प्रेम आसानी से दर्शाते नहीं है।
रूप और स्वाभाव के लिए केवल जन्म लग्न या चंद्र राशि से ही नहीं देखा जाता और गृह जो भी अशुभ या शुभ दृष्टिया या युति डालते है उनसे भी व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ता है यानि उनकी स्तिथि भी देखना बहुत ज़रूरी है।