Kark rashi ke swabhav
राशि स्वामी – चंद्र
वर्ग- ब्राह्मण
दिशा- उत्तर
जाती- स्त्री
तत्त्व- जल
रंग- रक्त-धवल ( लाल और कुछ सफ़ेद रंग का मिश्रण )
इस राशि से शरीर में हृदय और छाती का विचार किया जाता है। कुछ विद्वानों का मानना है की कर्क राशि पेट पर असरदालती है।
यह चर राशि है यानि घूमना फिरना पसंद करते है। कुंडली में लग्न की राशि कर्क हो या चंद्र राशि कर्क हो यानि चन्द्रमा जिस भाव में है वहा की राशि कर्क हो तो उन लोगों का रंग रूप और स्वाभाव अधिकतर कुछ इस तरह पाया जाता है।
इस राशि की कफ प्रकृति, स्वाभाव सौम्य, प्रयत्नशीलता, शर्मीलापन होता है। अधिकतर भारी शरीर, नाज़ुक अंग, मज़बूत पैर, माध्यम से कम लम्बाई वाले होते है। अधिकतर गोरे रंग के साथ गालों पे हलकी लालिमा होती है। इस राशि का स्वामी चन्द्रमा है जो की घटता बढ़ता रहता है और राशि परिवर्तन भी बहुत जल्दी करता है इस चीज़ का असर इस राशि के लोगों पर भी दिखाई पड़ता है वे लोग अच्छी कल्पना शक्ति वाले, तुनक मिज़ाज तथा ज़रा-ज़रा सी बात पर गुस्सा करने वाले होते है। इस राशि के लोगों की स्मरण शक्ति बहुत अच्छी होती है, इन्हे पुरानी घटनाओ की छोटी से छोटी बात भी याद रहती है।
यह जल राशि है इसलिए लोग जल के शौक़ीन, समाज सेवा में रूचि रखने वाले होते है इस वजह से इन्हे समाज में बहुत इज़्ज़त सम्मान प्राप्त होता है। व्यावसायिक क्षेत्र में इन्हे अच्छी सफलता मिलती है और अगर राजनीति में या नयायधीश हो तो सफलता मिलती है क्योकि इस राशि में गुरु उच्च का होता है और अगर गुरु कुंडली में भी अच्छा बैठा है तो अप्रतिम।
इस राशि का सम्बन्ध धातु से होता है। कर्क राशि के लोगों का कार्य क्षेत्र धातु यानि सोना, चांदी, लोहा आदि से सम्बंधित हो सकता है। इन्हे जीवन में कई बार उन्नति के मौके मिलते है। जीवन के अगले आधे भाग में इन्हे सफलता मिलती है और पारिवारिक धन भी मिलता है पर कठिनाइयों के बाद। पैसे के प्रेमी होते है और जमा करना पसंद करते है और कंजूस भी होते है।
फैसले लेने में बहुत सोच विचार और देरी लगाते है और इस कारण कई बार इनके हाथ से मौके भी निकल जाते है।
रूप और स्वाभाव के लिए केवल जन्म लग्न या चंद्र राशि से ही नहीं देखा जाता और गृह जो भी अशुभ या शुभ दृष्टिया या युति डालते है उनसे भी व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ता है यानि उनकी स्तिथि भी देखना बहुत ज़रूरी है।